22 जुलाई 2021

प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों को संविदा वर्ष में 11 आकस्मिक अवकाश प्रदान करने के सम्बन्ध में संशोधित आदेश,ऑर्डर सहित

प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों को संविदा वर्ष में 11 आकस्मिक अवकाश प्रदान करने के सम्बन्ध में संशोधित आदेश,ऑर्डर सहित।


शासन द्वारा सम्यक विचारोंंपरान्त 
उक्त वर्णित शासनादेश 15.06.21 में प्रस्तर तृतीय के स्थान पर निम्नलिखित प्रावधान किए जाने का निर्णय लिया गया।

15 जुलाई 2007 के प्राविधान व्यवस्था के अनुसार शिक्षामित्रों की उपस्थिति पंजिका का रखरखाव प्रधानाध्यापक द्वारा किया जाता है माह में हमें अधिकतम एक दिन कि अनुपस्थित पर मानदेय ना काटा जाए, यदि एक माह में 1 दिन से अधिक और उपस्थित होती है तो आनुपातिक रूप से मानदेय में कटौती की जाए।

वर्तमान संशोधित प्रावधान की व्यवस्था के अनुसार शिक्षामित्रों की उपस्थिति रजिस्टर का रखरखाव प्रधानाध्यापक द्वारा किया जाता है।

 शिक्षामित्रों को संविदा वर्ष में अधिकतम 11 दिन का आकस्मिक अवकाश देय होगा। अनाधिकृत अनुपस्थिति पर मान दे दे नहीं होगा।

समस्त विवरण हेतु उपरोक्त शासनादेश का अवलोकन करें।

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शैक्षिक सत्र 2021 22 हेतु यू डायस प्लस एवं आधार प्रमाणीकरण हेतु data entry operator हायर करने हेतु आदेश।


जनपद ब्लॉक स्तर पर यू डांस प्लस कायाकल्प संबंधी पत्रों की डाटाा इंट्री आधार प्रमाणीकरण मानव संपदा पोर्टल पर डाटाा एंट्री आदि कार्य की अधिकताा एवं समय बदलता कोोोोोो दृष्टिगत रखते हुए .
जॉब वर्क के आधार पर अतिरिक्त कार्य हेतु खुले बाजार से अधिकतम ₹430 पारिश्रमिक प्रतिदिन के आधार पर 3 डाटा एंट्री ऑपरेटर को आवश्यकतानुसार दिनांक 31 दिसंबर 2021 तक के लिए हायर किए जाने के स्वीकृति प्रदान की जाती है। इस पर व्यय होने वाली राशि का भुगतान डीपीओ मैनेजमेंट बंद के अंतर्गत उपमद से किया जाएगा शेष निर्देश पूर्व के रहेंगे।

समस्त आदेश को देखने के लिए उपरोक्त पत्र का अवलोकन करें।



परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में रिक्त पदों पर सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम विवरण हेतु आदेश


13 जुलाई 2021

सर्प के काटने से मृत्यु को घोषित किया राज्य आपदा, |सर्पदंश से मृत्यु पर आश्रित को मिलेगी अहेतुक सहायता देखिए आदेश।

सर्प के काटने से मृत्यु को घोषित किया राज्य आपदा, |सर्पदंश से मृत्यु पर आश्रित को मिलेगी अहेतुक सहायता देखिए आदेश।



अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन मनोज कुमार सिंह द्वारा समस्त जिला अधिकारी उत्तर प्रदेश को उपरोक्त पत्र द्वारा निर्देश दिए गए हैं, जिसके अनुसार


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 1.दिनांक 2 अगस्त 2018 में सर्पदंश को राज्य आपदा घोषित करते हुए सर्पदंश से मृत्यु की दशा में प्रत्येक मृतक के आश्रितों को ₹4 लाख की अहेतुक सहायता दिया जाना प्रावधानित है।



2.शासन के संज्ञान में आया है कि सर्पदंश से मृत्यु को प्रमाणित करने के लिए मृतक की विसरा जांच हेतु फॉरेंसिक लैब भेजी जाती है और मृतक की विसरा जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा में मृतक के आश्रितों को अहेतुक सहायता समय से उपलब्ध नहीं कराई जाती है।


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3. फॉरेंसिक स्टेट लीगल सेल के अनुसार सर्पदंश के प्रकरण में बिसरा रिपोर्ट को प्रिजर्व करने का कोई औचित्य नहीं है तथा उसके द्वारा अवगत कराया गया है की विसरा जांच रिपोर्ट से सर्पदंश से मृत्यु प्रमाणित भी नहीं होता है।


4.स्टेट मेडिको लीगल सेल के परामर्श के क्रम में सर्पदंश से मृत्यु की दशा में बिसरा जांच रिपोर्ट की कोई प्रासंगिकता ना होने के कारण सम्यक  विचारोंपरान्त सर्पदंश से मृतक के आश्रितों को अहेतुक सहायता उपलब्ध कराए जाने हेतु निम्न वर्णित प्रक्रिया का पालन किया जाए।


1. मृतक का पंचनामा कराया जाए

2. मृतक का पोस्टमार्टम कराया जाए

3. पोस्टमार्टम के पश्चात मृतक की विसरा रिपोर्ट प्रिजर्व करने की आवश्यकता नहीं है।

4. सर्पदंश से मृत्यु की दशा में मृतक के आश्रितों को अधिकतम 7 दिन के अंदर अहेतुक सहायता उपलब्ध कराई जाए।


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(5) पता है इस संबंध में अपर मुख्य सचिव ने बताया कि उन्हें यह निवेश हुआ है कि सर्पदंश से मृत्यु के प्रकरणों में उपरोक्त प्रक्रिया का पालन करते हुए मृतक के आश्रितों को अहेतुक सहायता उपलब्ध कराने संबंधी प्रकरणों को 7 दिन के अंदर निस्तारित करने का कष्ट करें।

8 जुलाई 2021

सभी विभागों के अस्थायी कार्मिकों के पदों को स्थाई करने के संबंध में जारी हुए दिशा निर्देश।

सभी विभागों के अस्थायी कार्मिकों के पदों को स्थाई करने के संबंध में जारी हुए दिशा निर्देश।



अपर मुख्य सचिव वित्त एस राधा चौहान ने शासन के समस्त अपर मुख्य सचिवों ,प्रमुख  सचिवों व सचिवों को इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं।उन्होंने कहा है कि यह सूचना प्राथमिकता पर जुटा ली जाए कि विभाग में वर्तमान में कुल कितने स्थायी पद हैं?



यदि इनका स्थायीकरण किया जा सकता है, तो तत्काल कर दिया जाए इसी तरह से अस्थाई पद जो लंबी अवधि से चल रहे हैं 3 वर्ष से अधिक है और इनको विभाग की आवश्यकता नहीं है, उनकी निरंतरता जारी किया जाना बंद कर दिया जाए और उन्हें समाप्त कर दिया जाए।



 ऐसे पद जो 3 वर्ष से अधिक समय से अस्थाई चल रहे हैं और किसी कारण से इनकी निरंतरता नियमित रूप से जारी नहीं हुई है, तो इसकी निरंतरता से संबंधित कार्रवाई में 2 सवाल के जवाब दिए जाएं, पहला पूर्व की निरंतरता पर कार्यतर स्वीकृति सहमति का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजते समय यह भी बताया जाए कि अब वापस विभाग के लिए क्यों आवश्यक है ? तथा क्यों ना इसको समाप्त किए जाने पर विचार किया जाए।





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Guidelines issued regarding the permanent posts of temporary personnel of all departments.




Additional Chief Secretary Finance S Radha Chauhan has issued detailed guidelines in this regard to all the Additional Chief Secretaries, Principal Secretaries and Secretaries of the Government. He has said that this information should be collected on priority as to how many permanent posts are currently in the department. Huh?

If they can be confirmed, then they should be done immediately. Similarly, temporary posts which are running for a long period of more than 3 years and they are not required by the department, their continuation should be stopped and they should be terminated. be done.

 Such posts which are running for more than 3 years and for some reason their continuity has not been released regularly, then in the action related to its continuation, 2 questions should be answered, first on the continuation of the previous work, acceptance of consent. While sending the proposal to the Finance Department, it should also be told that why is it necessary to return to the department now? And why not consider abolishing it?


3 जुलाई 2021

स्कूल में दर्ज जन्मतिथि आयु का प्रथम प्रमाण मानी जाएगी:- हाई कोर्ट,

स्कूल में दर्ज जन्मतिथि आयु का प्रथम प्रमाण मानी जाएगी:- हाई कोर्ट,



इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा कि स्कूल में दर्ज जन्मतिथि आयु का प्रथम प्रमाण मानी जाएगी। इसके ना होने पर निकाय का जन्म प्रमाण पत्र मान्य होगा, दोनों ही ना हो तो मेडिकल जांच से तय उम्र मान्य होगी।


 यह वक्तव्य कोर्ट द्वारा एक मामले में कहा गया। जहां कोर्ट ने कहा कि पीड़ित नाबालिग है, तो उसे किशोर न्याय कानून के तहत संरक्षण दिया जाना जरूरी है। इसी के साथ कोर्ट ने प्रयागराज के खुल्दाबाद स्थित बाल संरक्षण गृह में पीड़िता को रखने के बाल कल्याण समिति के आदेश को वैध करार दिया और मेडिकल जांच रिपोर्ट के आधार पर बालिक होने के नाते अवैध निरुद्धी से मुक्त कराने की मांग में दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी।


 इस आदेश को न्यायमूर्ति बच्चू लाल एवं न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ ने दिया है। लड़की के परिवार वालों ने 23 दिसंबर 2020 को अपना षड्यंत्र व पॉक्सो एक्ट के तहत फतेहपुर के थाने में एफ आई आर दर्ज करा कर कहा कि उनकी लड़की 16 साल 2 माह की है।

बरामदगी के बाद लड़की ने बयान में कहा कि वह 17 साल की है। स्कूल प्रमाण पत्र में उसकी जन्म तिथि 2 अप्रैल 2004 दर्ज है। इससे साबित होता है कि वह नाबालिग है। याचियों का कहना था कि उन्होंने गुजरात के मंदिर में शादी कर ली है। मेडिकल जांच रिपोर्ट के अनुसार लड़की की आयु 19 साल है, इसलिए उसकी निरूद्धी भी अवैध है। उन्हें तलब कर मुक्त कराया जाए। कोर्ट ने किशोर न्याय कानून व सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि घटना के समय वह नाबालिग थी। इसलिए संरक्षण गृह में रखने का आदेश विधि सम्मत व कमेटी को प्राप्त अधिकार के तहत दिया गया है।


द्वारा सोशल मीडिया।

1 जुलाई 2021

[31.03.2014] के बाद नियुक्त समस्त शिक्षकों की| जीआईसी कटौती ( ₹87) का समस्त धन, ब्याज सहित वापस किया जाए।मांगा जवाब।

[31.03.2014] के बाद नियुक्त समस्त शिक्षकों की| जीआईसी कटौती  ₹87 का समस्त धन, ब्याज सहित वापस किया जाए।मांगा जवाब।



मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक

 बेसिक 6th मंडल( लखनऊ)

द्वारा-

 महा निदेशक स्कूल शिक्षा,

 उत्तर प्रदेश लखनऊ,


 को दिए गए पत्र के द्वारा जीआईसी संबंधित प्रश्न पूछे गए। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की शाखा लखनऊ ने अपने पत्र द्वारा 28 जून 2021 को मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक को संबोधित करते हुए एक पत्र प्रेषित किया। जिसमें उन्होंने 31 मार्च 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों की जीआईसी कटौती ₹87 के संबंध में यह अनुरोध किया है कि उक्त धनराशि की कटौती को एलआईसी ऑफ इंडिया के द्वारा स्वीकार नहीं किया जा रहा है, तो शिक्षकों की प्रश्न गत कटौती का धन किस खाते में जा रहा है तथा संगठन की मांग है, की 31 मार्च 2014 के बाद नियुक्त समस्त शिक्षकों की इस कटौती का समस्त धन ब्याज सहित वापस किया जाए।




समस्त विवरण हेतु दिए हुए पत्र का ध्यान से अवलोकन करें।



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of all teachers appointed after [31.03.2014]. The entire amount of GIC deduction (` 87) along with interest should be refunded. Reply sought.





Divisional Assistant Director of Education

 Basic 6th Division (Lucknow)

By-

 Director General School Education,

 Uttar Pradesh Lucknow,



 GIC related questions were asked through the letter given to. The Lucknow branch of the Vishisht BTC Teachers Welfare Association, Uttar Pradesh, through its letter, sent a letter addressed to the Divisional Assistant Director of Education on June 28, 2021. In which he has requested in relation to GIC deduction of ₹ 87 of teachers appointed after 31 March 2014, that if the deduction of the said amount is not being accepted by LIC of India, then in which account the amount of the teacher's question deduction. It is going on and the demand of the organization is that all the amount of this deduction of all the teachers appointed after 31st March 2014 should be returned along with interest.



Check the given letter carefully for all the details


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