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22 जुलाई 2021
प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों को संविदा वर्ष में 11 आकस्मिक अवकाश प्रदान करने के सम्बन्ध में संशोधित आदेश,ऑर्डर सहित
13 जुलाई 2021
सर्प के काटने से मृत्यु को घोषित किया राज्य आपदा, |सर्पदंश से मृत्यु पर आश्रित को मिलेगी अहेतुक सहायता देखिए आदेश।
सर्प के काटने से मृत्यु को घोषित किया राज्य आपदा, |सर्पदंश से मृत्यु पर आश्रित को मिलेगी अहेतुक सहायता देखिए आदेश।
अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन मनोज कुमार सिंह द्वारा समस्त जिला अधिकारी उत्तर प्रदेश को उपरोक्त पत्र द्वारा निर्देश दिए गए हैं, जिसके अनुसार
1.दिनांक 2 अगस्त 2018 में सर्पदंश को राज्य आपदा घोषित करते हुए सर्पदंश से मृत्यु की दशा में प्रत्येक मृतक के आश्रितों को ₹4 लाख की अहेतुक सहायता दिया जाना प्रावधानित है।
2.शासन के संज्ञान में आया है कि सर्पदंश से मृत्यु को प्रमाणित करने के लिए मृतक की विसरा जांच हेतु फॉरेंसिक लैब भेजी जाती है और मृतक की विसरा जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा में मृतक के आश्रितों को अहेतुक सहायता समय से उपलब्ध नहीं कराई जाती है।
3. फॉरेंसिक स्टेट लीगल सेल के अनुसार सर्पदंश के प्रकरण में बिसरा रिपोर्ट को प्रिजर्व करने का कोई औचित्य नहीं है तथा उसके द्वारा अवगत कराया गया है की विसरा जांच रिपोर्ट से सर्पदंश से मृत्यु प्रमाणित भी नहीं होता है।
4.स्टेट मेडिको लीगल सेल के परामर्श के क्रम में सर्पदंश से मृत्यु की दशा में बिसरा जांच रिपोर्ट की कोई प्रासंगिकता ना होने के कारण सम्यक विचारोंपरान्त सर्पदंश से मृतक के आश्रितों को अहेतुक सहायता उपलब्ध कराए जाने हेतु निम्न वर्णित प्रक्रिया का पालन किया जाए।
1. मृतक का पंचनामा कराया जाए
2. मृतक का पोस्टमार्टम कराया जाए
3. पोस्टमार्टम के पश्चात मृतक की विसरा रिपोर्ट प्रिजर्व करने की आवश्यकता नहीं है।
4. सर्पदंश से मृत्यु की दशा में मृतक के आश्रितों को अधिकतम 7 दिन के अंदर अहेतुक सहायता उपलब्ध कराई जाए।
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(5) पता है इस संबंध में अपर मुख्य सचिव ने बताया कि उन्हें यह निवेश हुआ है कि सर्पदंश से मृत्यु के प्रकरणों में उपरोक्त प्रक्रिया का पालन करते हुए मृतक के आश्रितों को अहेतुक सहायता उपलब्ध कराने संबंधी प्रकरणों को 7 दिन के अंदर निस्तारित करने का कष्ट करें।
8 जुलाई 2021
सभी विभागों के अस्थायी कार्मिकों के पदों को स्थाई करने के संबंध में जारी हुए दिशा निर्देश।
सभी विभागों के अस्थायी कार्मिकों के पदों को स्थाई करने के संबंध में जारी हुए दिशा निर्देश।
3 जुलाई 2021
स्कूल में दर्ज जन्मतिथि आयु का प्रथम प्रमाण मानी जाएगी:- हाई कोर्ट,
स्कूल में दर्ज जन्मतिथि आयु का प्रथम प्रमाण मानी जाएगी:- हाई कोर्ट,
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा कि स्कूल में दर्ज जन्मतिथि आयु का प्रथम प्रमाण मानी जाएगी। इसके ना होने पर निकाय का जन्म प्रमाण पत्र मान्य होगा, दोनों ही ना हो तो मेडिकल जांच से तय उम्र मान्य होगी।
यह वक्तव्य कोर्ट द्वारा एक मामले में कहा गया। जहां कोर्ट ने कहा कि पीड़ित नाबालिग है, तो उसे किशोर न्याय कानून के तहत संरक्षण दिया जाना जरूरी है। इसी के साथ कोर्ट ने प्रयागराज के खुल्दाबाद स्थित बाल संरक्षण गृह में पीड़िता को रखने के बाल कल्याण समिति के आदेश को वैध करार दिया और मेडिकल जांच रिपोर्ट के आधार पर बालिक होने के नाते अवैध निरुद्धी से मुक्त कराने की मांग में दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी।
इस आदेश को न्यायमूर्ति बच्चू लाल एवं न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ ने दिया है। लड़की के परिवार वालों ने 23 दिसंबर 2020 को अपना षड्यंत्र व पॉक्सो एक्ट के तहत फतेहपुर के थाने में एफ आई आर दर्ज करा कर कहा कि उनकी लड़की 16 साल 2 माह की है।
बरामदगी के बाद लड़की ने बयान में कहा कि वह 17 साल की है। स्कूल प्रमाण पत्र में उसकी जन्म तिथि 2 अप्रैल 2004 दर्ज है। इससे साबित होता है कि वह नाबालिग है। याचियों का कहना था कि उन्होंने गुजरात के मंदिर में शादी कर ली है। मेडिकल जांच रिपोर्ट के अनुसार लड़की की आयु 19 साल है, इसलिए उसकी निरूद्धी भी अवैध है। उन्हें तलब कर मुक्त कराया जाए। कोर्ट ने किशोर न्याय कानून व सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि घटना के समय वह नाबालिग थी। इसलिए संरक्षण गृह में रखने का आदेश विधि सम्मत व कमेटी को प्राप्त अधिकार के तहत दिया गया है।
द्वारा सोशल मीडिया।
1 जुलाई 2021
[31.03.2014] के बाद नियुक्त समस्त शिक्षकों की| जीआईसी कटौती ( ₹87) का समस्त धन, ब्याज सहित वापस किया जाए।मांगा जवाब।
[31.03.2014] के बाद नियुक्त समस्त शिक्षकों की| जीआईसी कटौती ₹87 का समस्त धन, ब्याज सहित वापस किया जाए।मांगा जवाब।
मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक
बेसिक 6th मंडल( लखनऊ)
द्वारा-
महा निदेशक स्कूल शिक्षा,
उत्तर प्रदेश लखनऊ,
को दिए गए पत्र के द्वारा जीआईसी संबंधित प्रश्न पूछे गए। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की शाखा लखनऊ ने अपने पत्र द्वारा 28 जून 2021 को मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक को संबोधित करते हुए एक पत्र प्रेषित किया। जिसमें उन्होंने 31 मार्च 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों की जीआईसी कटौती ₹87 के संबंध में यह अनुरोध किया है कि उक्त धनराशि की कटौती को एलआईसी ऑफ इंडिया के द्वारा स्वीकार नहीं किया जा रहा है, तो शिक्षकों की प्रश्न गत कटौती का धन किस खाते में जा रहा है तथा संगठन की मांग है, की 31 मार्च 2014 के बाद नियुक्त समस्त शिक्षकों की इस कटौती का समस्त धन ब्याज सहित वापस किया जाए।
समस्त विवरण हेतु दिए हुए पत्र का ध्यान से अवलोकन करें।
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