नन्हे मुन्ने बच्चों के स्वागत में शिक्षक सजा रहे स्कूल, निजी स्कूलों को देंगे टक्कर, सराहनीय प्रयास परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प हो चुका है,स्थितियां बदल गई है ,शिक्षक, शिक्षिकाएं /शिक्षामित्र/अनुदेशक अपने हुनर का प्रयोग करके शिक्षा के मंदिर को अत्यधिक आकर्षक बनाकर, नन्हे मुन्हे बच्चों के आने की तैयारी में लगे हुए हैं।विभागीय अधिकारियों ने इनके मनोबल को बढ़ाकर ,गुरुजनों के हौसलों को उड़ान दे दी है। आज सोशल मीडिया ने इसे एक होड़ बना दिया है ,की कौन कितना आकर्षक विद्यालय और विद्यालय का सुंदर परिवेश बना सकता है ,चाहे वो पेंटिंग हो ,या विद्यालय के मैदान का समतलीकरण,या वृक्षारोपण ,शाक वाटिका ,या फूलों की क्यारियां ,रजिस्टर की सजावट हो या राष्ट्रीय पर्व की रंगोली सभी में इनकी मेहनत और हुनर दिख रहा है । गरीब, किसान, मजदूरों के बच्चो के लिए ये विद्यालय किसी परी लोक की कथा के महल से कम नहीं ,जहां ज्ञान और सुंदरता हर ओर दिखती है । मिशन प्रेरणा की प्रेरणा - उत्तर प्रदेश को प्रेरक प्रदेश बनाने के लिए समस्त शिक्षक समाज और विभाग ने मिलजुलकर विभिन्न तरीकों ,नवाचारों,विधाओं द्वारा परिषदीय विद्यालयों