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11 अगस्त 2025

July 2025 teachers diary pdf||पूरे माह जुलाई 2025 की शिक्षक डायरी pdf

July 2025 teachers diary pdf,पूरे माह जुलाई 2025 की शिक्षक डायरी pdf 

https://drive.google.com/file/d/1AdH7wEfWbdE7Fdh4Djs3-gpSEI93KHDo/view?usp=drivesdk

 
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☝🏻Smc meeting august 2025 एजेंडा ,एसएमसी मीटिंग अगस्त 2025

5 अक्टूबर 2021

भरी हुई शिक्षक डायरी pdf डाउनलोड करे|कक्षा 1,2,3,4,5 की 01 सितम्बर से 30 सितम्बर तक की|भरी हुई शिक्षक डायरी की पीडीएफ डाउनलोड करें।

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आज एक बार फिर  01 सितंबर से 25 सितंबर की भरी हुई शिक्षक डायरी का पीडीएफ लाया हूं।जो कि सोशल मीडिया पर उपलब्ध है ,उसका पीडीएफ यहां कॉपी पेस्ट है,यह पूरी तरह पब्लिक है, शिक्षक डायरी पिछले महीनों से कुछ भिन्न है अतः नए तरीके से लिखी गई यह विशेष डायरी आपके समक्ष उपलब्ध है।

भरी हुई शिक्षक डायरी pdf डाउनलोड करे|कक्षा 1,2,3,4,5 की 01 सितम्बर से 30 सितम्बर तक की|भरी हुई शिक्षक डायरी की पीडीएफ डाउनलोड करें।👇

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भरी हुई शिक्षक डायरी(नये तरीके से)'|01 सितंबर से 14 सितम्बर तक की कक्षा 6,7,8 तक की पीडीएफ फाइल,👇



भरी हुई शिक्षक डायरी कक्षा 1 और 2 की|01 सितंम्बर 2021 से 15 सितंम्बर 2021 तक की शिक्षक डायरी की पीडीएफ।👇



भरी हुई शिक्षक डायरी 06  सितम्बरसे 12 सितम्बर तक की ,इस तरह भारी होगी इस बार डायरी,👇


भरी हुई 31 अगस्त से 5 सितम्बर की कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8 की शिक्षक डायरी छपी हुई साफ स्वच्छ पीडीएफ।👇


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भरी हुई शिक्षक डायरी 02 सितंबर 2021 से 04 सितंबर 2021 तक पीडीएफ में डाउनलोड करें।👇


भरी हुई शिक्षक डायरी 19 august se 28 august tak ka pdf download karen,👇


भरी हुई शिक्षक डायरी 16 अगस्त 2021 से 25 अगस्त 2021 अगस्त तक की ,और साथ ही जुलाई से अगस्त की भी।👇


डाऊनलोड करें,16 अगस्त 2021 से 21 अगस्त 2021 तक की शिक्षक डायरी का पीडीएफ नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर देखें।👇

31 मई से अब तक की सभी शिक्षक डायरी एवम अगस्त का ई पाठशाला रजिस्टर के पीडीएफ 
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जितेन्द्र कुमार
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17 सितंबर 2021

भरी हुई शिक्षक डायरी(अब नये तरीके से)|01 सितंबर से 14 सितम्बर तक की कक्षा 6,7,8 तक की पीडीएफ फाइल,

भरी हुई शिक्षक डायरी(नये तरीके से)|01 सितंबर से 14 सितम्बर तक की कक्षा 6,7,8 तक की पीडीएफ फाइल👇,

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भरी हुई शिक्षक डायरी(नये तरीके से)|01 सितंबर से 14 सितम्बर तक की कक्षा 6,7,8 तक की पीडीएफ फाइल,👇


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29 अगस्त 2021

भरी हुई शिक्षक डायरी 19 august se 28 august tak ka pdf,

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PET परीक्षा का प्रश्नपत्र|PET,EXAM PAPER, August 2021




: राजा मोरध्वज की कथा :


महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद पांडवों द्वारा श्री कृष्ण के कहने पर अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया गया. 

अश्वमेघ यज्ञ के बाद घोड़ा छोड़ा जाता है और वह घोड़ा जहां तक जाता है वहां तक उस राज्य के राजा की दास्तां स्वीकार कर ली जाती है. 

घोड़े की रक्षा के लिए धनुर्धर अर्जुन को नियुक्त किया गया था. 

कोई भी राज्य का राजा उस अश्व को रोकने की कोशिश नहीं करता था क्योंकि अर्जुन ने पितामह भीष्म और महाबली कर्ण जैसे योद्धाओं को मृत्यु का ग्रास बनाया था.

घोड़ा निरंतर आगे बढ़ता जा रहा था. कई राज्यों को पार करने के बाद वह घोड़ा रतनपुर राज्य की सीमा तक जा पहुंचा. 

रतनपुर के राजा मोरध्वज (मयूर ध्वज) बड़े ही धर्मात्मा और श्री नारायण के परम भक्त थे. 

राजा मोरध्वज का पुत्र धीर ध्वज (ताम्रध्वज) था. धीरध्वज ने अल्प आयु में ही युद्ध कला में सर्व शिक्षा प्राप्त कर ली थी. 

वीर धीर ध्वज ने अश्वमेध का वह घोड़ा रोक लिया और घोड़े के रक्षक अर्जुन की प्रतीक्षा करने लगा. 

सेना सहित धनुर्धर अर्जुन वहां पहुंचे. और उस वीर बालक से कहा- “हे बालक” तुमने जिस घोड़े को रोका है वह चक्रवर्ती सम्राट युधिष्ठिर के अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा है जिस की सुरक्षा में मैं स्वयं खड़ा हूं. 

इस घोड़े को पकड़ने का साहस किसी भी राज्य के राजा ने नहीं किया. जिससे राज्य में इस घोड़े ने अपने पैर रखे हैं उस राज्य के राजा ने युधिष्ठिर की दास्तां स्वीकार कर ली है. 

मैं तुम्हारी भूल समझकर तुम्हे क्षमा करता हूं इसलिए तुम यह घोड़ा छोड़ दो.

इस बात पर ताम्रध्वज ने अपनी वीरता का परिचय देते हुए कहा कि हे अर्जुन सिर्फ आप ही कहोगे या मेरी भी सुनोगे. 

मैं रतनपुर का भावी सम्राट ताम्रध्वज हूं. मेरे पिता मयूरध्वज और माता विद्याधरणी है. मैं क्षत्रिय पुत्र हूं और क्षत्रिय कभी किसी का दास नहीं होता. 

इस पर अर्जुन ने कहा कि नादान बालक तुम जानते नहीं हो तुम क्या कर रहे हो. तुम्हारा यह बाल हठ युद्ध करवा सकता है और युद्ध का परिणाम तुम नहीं जानते हो. 

इसलिए तुम यह घोड़ा छोड़ दो और अपने पिता को सूचित करो ताकि वह तुम्हें समझा सके.

ताम्रध्वज ने अपनी वाकपटुता से अर्जुन पर पलटवार किया और कहा हे कुंती नंदन अर्जुन क्षत्रिय पुत्र बाल्यकाल अवश्य अपने पिता की गोद में व्यतीत करता है परंतु जवानी में क्षत्रिय पुत्र का क्षत्रित्व परिपक्व हो जाता है. 

यदि तुम्हें घोड़ा चाहिए तो तुम्हें मुझे अपने बाहुबल से प्राप्त करना होगा. व्यर्थ में अपना योगदान कर के समय खराब ना करें.

अर्जुन ने ताम्रध्वज से कहा कि हे मुर्ख ताम्रध्वज तुझ से युद्ध करके में अपयश का भागी नहीं बनना चाहता हूं इसलिए मैं अपने बाण से तुझे तेरी माता की गोद में सकुशल पहुंचा देता हूं. 

और अर्जुन ने बाण चलाया. परंतु ताम्रध्वज कोई कायर बालक नहीं था वह भी शस्त्र कलाओं में प्रवीण था. 

ताम्रध्वज ने ना सिर्फ अर्जुन द्वारा चलाए गए बाण का उत्तर दिया बल्कि ताम्रध्वज के तीर ने अर्जुन के सारथी को गिरा दिया.

बालक ताम्रध्वज की वीरता को देख अर्जुन चकित रह गए अब तक जिसे वह एक साधारण बालक समझ रहे थे वे एक श्रेष्ठ धनुर्धर थे. 

और ताम्रध्वज को गंभीरता से लेते हुए दोनों के बीच भयंकर युद्ध चालू हो गया. 

ताम्रध्वज ने अर्जुन का वीरता पूर्वक सामना किया और अपने एक तीर से महाबली अर्जुन को मूर्छित कर दिया. 

अर्जुन को वहीं छोड़ ताम्रध्वज घोड़ा लेकर अपने नगर गए जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. 

जब अर्जुन मूर्छित अवस्था से बाहर आए तो उनके समक्ष श्री कृष्ण बैठे थे. 

अर्जुन ने श्री कृष्ण से कहा हे भगवान यह सब आपकी माया का ही चमत्कार है अन्यथा वह बालक युद्ध में अर्जुन से नहीं जीत सकता था.

इस पर श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि अर्जुन तुम अभी भी भ्रम में हो. तुम यह सोचते हो कि संसार में तुमसे बड़ा योद्धा कोई नहीं है और तुम से बड़ा मेरा भक्त भी कोई नहीं है.

अर्जुन ने श्री कृष्ण से कहा क्या यह सत्य है माधव.

श्री कृष्ण ने कहा की तुम्हें अपने से बड़ा योद्धा मिल ही गया है और अगर अब अपने से बड़ा दानी और भक्त भी देखने की इच्छा है तो बताओ.

अर्जुन ने श्री कृष्ण से कहा कि मैं अवश्य ही उस भक्त के दर्शन करना चाहूंगा जो मुझसे भी बड़ा आपका भक्त है.

तब भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन ब्राह्मण का वेश धारण कर तथा यमराज एक सिंह के भेष में रतनपुर राज्य की ओर प्रस्थान किया. जहां राजा मयूर ध्वज का राज दरबार लगा था. 

जैसे ही राजा मयूरध्वज को इस बात की खबर लगी कि साधू उनके राज दरबार में आए हैं तुरंत उन्होंने अपना सिंहासन छोड़ साधुओं को प्रणाम कर आशीर्वाद लिया.

ब्राह्मण रूपी श्री कृष्ण ने राजा मयूरध्वज से कहा कि हमने तुम्हारे दान की बहुत प्रशंसा सुनी है. चारों और तुम्हारे यश की कीर्ति है कि कोई भी याचक तुम्हारे दरबार से खाली हाथ नहीं जाता है.

राजा मयूरध्वज ने ब्राह्मणरूपी श्री कृष्ण से कहा कि यह भगवान नारायण की ही मुझ पर कृपा है कि आज तक मेरे दरबार से कोई खाली हाथ नहीं लौटा है.

ब्राह्मण रूपी श्री कृष्ण ने कहा कि हम आपसे ऐसी कोई वस्तु नहीं मांगेंगे जो आपके अधिकार क्षेत्र से बाहर हो.

श्री कृष्ण ने राजा मयूरध्वज से कहा कि हम तीन प्राणी बहुत लंबे समय से यात्रा कर रहे हैं. 

हम दोनों तो कंदमूल खाकर अपनी भूख शांत कर लेते थे परंतु हमारे साथ यह सिंहराज भी हैं जो सिर्फ मांसाहार करते हैं. और यह सिर्फ मनुष्य का मांस भक्षण करते हैं.

मयूरध्वज ने श्री कृष्ण से कहा कि मैं सिंह राज के समक्ष प्रस्तुत हूं यदि वह मेरा भक्षण करेंगे तो मैं खुद को धन्य समझूंगा. 

श्री कृष्ण ने कहा कि पृथ्वी पर स्वयं को दान करने वालों की कमी नहीं है. यदि तेरे जैसा भोजन करते तो हमें आपके पास आने की जरूरत नहीं होती.

महाराज मयूरध्वज ने श्री कृष्ण से कहा कि अब आप ही बताएं कि मैं कैसे सिहंराज के भोजन की व्यवस्था कर सकता हूं.

ब्राह्मण बने श्री कृष्ण ने राजा मयूरध्वज से कहा कि हमारे सिंह के भोजन के लिए आपको अपनी रानी सहित आरा लेकर अपने पुत्र ताम्रध्वज को चीरना होगा जिससे सिंहराज भोजन कर सकें.

श्री कृष्ण की आवाज सुनकर सारा दरबार आश्चर्यचकित हो गया. स्वयं अर्जुन श्री कृष्ण के इस तरह की बात से डर गए. 

एक क्षण के लिए राजा मयूरध्वज भी डगमगाए परंतु समझ गए.

राजा मयूरध्वज ने कहा कि हे महात्मा धन्य है मेरा पुत्र ताम्रध्वज जिसे आपने सिंहराज के आहार के लिए चुना है. 

श्री कृष्ण ने राजा मयूरध्वज से कहा कि पुत्र को चढाते समय यदि माता पिता की आंखों में आंसू आए तो सिंहराज भोजन स्वीकार नहीं करेंगे. 

राजा मयूरध्वज ने अपने पुत्र और पत्नी को भी राजी कर लिया.

अर्जुन राजा के इस प्रकार समर्पण और वचनबद्ध बातों को देखकर आश्चर्यचकित रह गया. 

इसके बाद राजा ने आरा उठाया और अपने इकलौते पुत्र के सिर पर रख कर परम पिता परमात्मा का स्मरण करते हुए अपने पुत्र को चीर दिया. 

अर्जुन चौक कर मूर्छित हो गए. आरे से निरंतर उनके शरीर के दो भाग किए जा रहे थे. 

इस तरह ताम्रध्वज का शरीर दो भागों में बंट गया. राजा मयूरध्वज ने ब्राह्मण से कहा कि महात्मा अपने सिंह को भोजन करवाइए.

सिंहराज ने आगे बढ़कर ताम्रध्वज का दाया भाग खा लिया. तभी ताम्रध्वज की माता की बायीं आंख से आंसू टपक पड़े.

श्री कृष्ण ने महारानी से पूछा कि यह आंसू किस लिए. 

रानी ने कहा कि महा पितृ भक्त ताम्रध्वज के दाहिने अंग को तो आपने स्वीकार कर लिया परंतु वाम अंग को छोड़ दिया इसी कारण मेरी बायीं ओर से आंसू निकल पड़े. 

इस दृश्य को देख अर्जुन का घमंड चूर चूर हो गया. भक्ति का ऐसा प्रकाश अर्जुन ने अपने जीवन में कभी नहीं देखा था. 

इसके बाद ब्राह्मणों के लिए सात्विक भोजन की व्यवस्था की गई. 

श्री कृष्ण ने राजा मयूरध्वज से कहा कि तुम्हारे पुत्र को बैकुंठ में स्थान मिलेगा. ईश्वर तुम्हारे दान भक्ति से अति प्रसन्न रहता है और वह कभी अपने भक्तों का अहित नहीं करेंगे. 

ब्राह्मण रूपी श्री कृष्ण ने राजा से कहा कि अपनी दाहिनी तरफ देखें आपके अलौकिक कार्य का फल आपको मिल चुका है. 

जैसे ही राजा ने अपनी दाहिनी तरफ देखा ताम्रध्वज जीवित अवस्था में खड़ा था. अपने पुत्र को देख रानी ने उसे गले से लगा लिया.

राजा मयूरध्वज ने ब्राह्मण से कहा कि आप कौन हैं और किस कारण आपने मेरी इतनी कठिन परीक्षा ली.

भगवान श्री कृष्ण ने अपने विराट रूप के दर्शन राजा मयूरध्वज को दिए और मयूरध्वज श्री कृष्ण के चरणों में गिर गए. 

यह दृश्य देख अर्जुन उस महादानी राजा मयूरध्वज के पैरों में गिर गए और इस तरह अर्जुन का अहंकार नष्ट हो गया.
      जय जय श्री राधे



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26 अगस्त 2021

भरी हुई शिक्षक डायरी 16 अगस्त 2021 से 25 अगस्त 2021 अगस्त तक की ,और साथ ही जुलाई से अगस्त की भी।

भरी हुई शिक्षक डायरी 16 अगस्त 2021 से 25 अगस्त 2021 अगस्त तक की ,और साथ ही जुलाई से अगस्त की भी।






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भरी हुई शिक्षक डायरी जुलाई 2021 से अगस्त 2021 अगस्त तक की ,




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19 अगस्त 2021

कक्षा 1,2,3,4,5, 6 ,7 ,8, की भरी हुई शिक्षक डायरी 2 जुलाई से 17 अगस्त तक की पीडीएफ।

कक्षा 1,2,3,4,5, 6 ,7 ,8, की भरी हुई शिक्षक डायरी 2 जुलाई से 17 अगस्त तक की न्यू पीडीएफ।

2 जुलाई 21 से 5 अगस्त तक की 6,7,8,शिक्षक की डायरी की पीडीएफ 👇


2 जुलाई 2021 से 17 अगस्त 2021 तक की कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षक डायरी की पीडीएफ 👇






सूचना संग्रह :

यह भी पढ़ें 👇

प्रदेश में संचालित कक्षा 1 से 8 तक के समस्त विद्यालयों में पठन-पाठन भौतिक रूप से प्रारंभ किए जाने के संबंध में आदेश। 👇

यह भी जानें:👇

प्रेस विज्ञप्ति

मौहर्रम पर अवकाश 20 अगस्त को जिलाधिकारी द्वारा


उन्नाव दिनांक 18 अगस्त, 2021 (सू0वि0)।
जिलाधिकारी श्री रवीन्द्र कुमार ने कहा कि स्थानीय चन्द्र दर्शन के अनुसार मौहर्रम का पर्व 20 अगस्त 2021 दिन शुक्रवार को मनाया जायेगा। 20 अगस्त को ही अब सार्वजनिक अवकाश रहेंगा।
श्री रवीन्द्र कुमार ने आज इस आशय के आदेश जारी किए। जारी आदेश के अनुसार पूर्व में सार्वजनिक अवकाश 19 अगस्त 2021 को घोषित किया गया था। स्थानीय चन्द्र दर्शन के अनुसार पूर्व के स्थान पर अब 20 अगस्त 2021 दिन शुक्रवार को मौहर्रम का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। उन्होने कहा कि वर्ष 2021 की सार्वजनिक अवकाश की सूची को इस सीमा तक संशोधित समझा जाये। 

जिला सूचना कार्यालय उन्नाव जनहित में जारी।


रसोइया मानदेय प्रेषण के संबंध में आदेश।


मिशन शक्ति पखवारा :






11 अगस्त 2021

Teacher's dairy 05 July 2021 to 31 July 2021 filled,

Teacher's dairy 05 July 2021 to 31 July 2021 filled,


डायरी का उपयोग जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को दर्ज करने के लिए किया जाता है,परंतु शिक्षक डायरी वह डायरी है, जिसमें शिक्षक अपनी भावी शिक्षण योजनाओं और विचारों के बारे में लिखता है। शिक्षक डायरी का उपयोग शैक्षिक अनुसंधान के लिए एक महान उपकरण के रूप में किया जा सकता है, क्योंकि वे हमें उस समय के शिक्षण विधियों और छात्र जीवन के बारे में जानकारी दे सकते हैं।

आप सभी की बहुत मांग के चलते आपको सभी सप्ताह कि शिक्षक डायरी और ई पाठशाला रजिस्टर उपलब्ध कराने का प्रयास निरंतर जारी है। इस क्रम में आपको 05 जुलाई 21 से 31 जुलाई 21 तक की शिक्षक डायरी प्रस्तुत है, नीचे दिए बटन पर क्लिक करके आप शिक्षक डायरी का पीडीएफ प्राप्त करें⬇️।


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Lucknow 


यूपी में चल रहे वीकेंड लॉकडाउन में राहत।


रविवार तक ही सीमित रहेगा वीकेंड लॉकडाउन।


सप्ताह में केवल एक दिन ही रहेगा लॉकडाउन



एलआईसी में निजी भागीदारी का रास्ता साफ, संसद ने इंश्योरेंस संशोधन विधेयक को दी मंजूरी ।

नीचे दिए बटन पर क्लिक कर डाउनलोड करें शिक्षक डायरी 👇👇


 

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Teacher's dairy 05 July 2021 to 31 July 2021 filled,July 2021 filled teacher's diary.



Diary is used to record important moments of life, but teacher diary is the diary in which teacher writes about his/her future learning plans and ideas. Teacher diaries can be used as a great tool for educational research, as they can give us information about teaching methods and student life at that time.

Due to the great demand of all of you, efforts are on to provide you all week teacher diary and e-pathshala register. In this sequence, teacher diary is presented to you from 05 July 21 to 31 July 21, by clicking on the button below, you can get the PDF of the teacher diary.



Also read other information -

Lucknow



Relief in the ongoing weekend lockdown in UP.



Weekend lockdown will be limited to Sunday.



Lockdown will be there for only one day in a week



Clearing the way for private participation in LIC, Parliament approved the Insurance Amendment Bill.

Download Teacher Diary by clicking on the button below

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