Header Description

header ads

इस पूरे उत्तर प्रदेश का डाटा कितने लोगों ने 11 सितंबर से 17 सितंबर तक क्विज किए। देखिए हर जिले हर ब्लॉक की पूरी सूची।

इस पूरे उत्तर प्रदेश का डाटा कितने लोगों ने 11 सितंबर से 17 सितंबर तक क्विज किए। देखिए हर जिले हर ब्लॉक की पूरी सूची।


लिंक 1


 https://drive.google.com/file/d/158tZBDhEUFYHcuMoYS1uGV6Z7l6fq7rR/view?usp=drivesdk


https://drive.google.com/file/d/158tZBDhEUFYHcuMoYS1uGV6Z7l6fq7rR/view?usp=drivesdk



। आज का प्रेरक प्रसंग 

                    !! मैले कपड़े !!

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

एक दिन की बात है एक मास्टरजी अपने एक अनुयायी के साथ प्रातः काल सैर कर रहे थे कि अचानक ही एक व्यक्ति उनके पास आया और उन्हें भला-बुरा कहने लगा। उसने पहले मास्टर के लिए बहुत से अपशब्द कहे , पर बावजूद इसके मास्टर मुस्कुराते हुए चलते रहे। मास्टर को ऐसा करता देख वह व्यक्ति और भी क्रोधित हो गया और उनके पूर्वजों तक को अपमानित करने लगा। पर इसके बावजूद मास्टर मुस्कुराते हुए आगे बढ़ते रहे। मास्टर पर अपनी बातों का कोई असर ना होते हुए देख अंततः वह व्यक्ति निराश हो गया और उनके रास्ते से हट गया।
Ye bhi पढ़ें:

'भरी हुई शिक्षक डायरी(नये तरीके से)'|01 सितंबर से 14 सितम्बर तक की कक्षा 6,7,8 तक की पीडीएफ फाइल,


भरी हुई शिक्षक डायरी कक्षा 1 और 2 की|01 सितंम्बर 2021 से 15 सितंम्बर 2021 तक की शिक्षक डायरी की पीडीएफ।


भरी हुई शिक्षक डायरी 06  सितम्बरसे 12 सितम्बर तक की ,इस तरह भारी होगी इस बार डायरी,


भरी हुई 31 अगस्त से 5 सितम्बर की कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8 की शिक्षक डायरी छपी हुई साफ स्वच्छ पीडीएफ।

उस व्यक्ति के जाते ही अनुयायी ने आश्चर्य से पुछा, “मास्टरजी आपने भला उस दुष्ट की बातों का जवाब क्यों नहीं दिया, और तो और आप मुस्कुराते रहे, क्या आपको उसकी बातों से कोई कष्ट नहीं पहुंचा ?”

मास्टरजी कुछ नहीं बोले और उसे अपने पीछे आने का इशारा किया। कुछ देर चलने के बाद वे मास्टरजी के कक्ष तक पहुँच गए।

मास्टरजी बोले- तुम यहीं रुको मैं अंदर से अभी आया।

मास्टरजी कुछ देर बाद एक मैले कपड़े को लेकर बाहर आये और उसे अनुयायी को थमाते हुए बोले , ” लो अपने कपड़े उतारकर इन्हे धारण कर लो ?”

कपड़ों से अजीब सी दुर्गन्ध आ रही थी और अनुयायी ने उन्हें हाथ में लेते ही दूर फेंक दिया।

मास्टरजी बोले- क्या हुआ तुम इन मैले कपड़ों को नहीं ग्रहण कर सकते ना ? ठीक इसी तरह मैं भी उस व्यक्ति द्वारा फेंके हुए अपशब्दों को नहीं ग्रहण कर सकता।

शिक्षा
इतना याद रखो कि यदि तुम किसी के बिना मतलब भला-बुरा कहने पर स्वयं भी क्रोधित हो जाते हो तो इसका अर्थ है कि तुम अपने साफ़-सुथरे वस्त्रों की जगह उसके फेंके फटे-पुराने मैले कपड़ों को धारण कर रहे हो।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ