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5 अक्टूबर 2021

अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा मनरेगा योजना अंतर्गत संविदा कर्मियों का मानदेय बढ़ाए जाने के संबंध में आदेश जारी किया गया देखे आदेश।

खुशखबरी| मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा मनरेगा योजना अंतर्गत संविदा कर्मियों(रोजगार सेवक, कंप्यूटर ऑपरेटर, अन्य) का मानदेय बढ़ाए जाने के संबंध में आदेश जारी किया गया देखे आदेश।



उपरोक्त आदेश में निदेशक महोदय ने ग्राम विकास आयुक्त उत्तर प्रदेश लखनऊ को इस पत्र में शासन स्तर पर सम्मेद विचारों प्रांत निम्नलिखित तालिका के स्तंभ दो में अंकित मनरेगा कार्मिक के सम्मुख स्तंभ 3 में अंकित मानदेय में वृद्धि करते हुए स्तंभ 4 में अंकित मानदेय प्रदान किए जाने का निर्णय लिए जाने की बात कही है मानदेय में की गई वृद्धि 1 अक्टूबर 2021 से लागू होगी।

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16 जनवरी 2021

सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत जनपदों/मंडलों में वेतनमान के आधार पर सीधी संविदा पर कार्यरत कर्मियों के मानदेय के संबंध में

सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत जनपदों/मंडलों में वेतनमान के आधार पर सीधी संविदा पर कार्यरत कर्मियों के मानदेय के संबंध में


सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत जनपदों/मंडलों में वेतनमान के आधार पर सीधी संविदा पर कार्यरत कर्मियों के मानदेय के संबंध में


 

13 सितंबर 2020

युवाओं को अब देनी होगी अग्नि परीक्षा तब आयेंगे अच्छे दिन सरकारी नौकरी से पहले संविदा

उत्तर प्रदेश में अब पांच वर्ष की संविदा से शुरू होगी सरकारी नौकरी, होंगे ये बदलाव



1. समूह ‘ख’ व ‘ग’ की भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव की तैयारी में उ0 प्रदेश सरकार 

2.हर छह माह पर मूल्यांकन, हर वर्ष में 60 प्रतिशत से कम अंक तो नौकरी से बाहर 

3. पांच वर्ष की कठिन संविदा प्रक्रिया में छंटनी से बचे तभी पक्की नौकरी की सौगात



 होगी छंटनी

प्रदेश सरकार समूह ‘ख’ व समूह ‘ग’ की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है। प्रस्तावित व्यवस्था में चयन के बाद शुरुआती पांच वर्ष तक कर्मियों को संविदा के आधार पर नियुक्त किया जाएगा। इस दौरान उन्हें नियमित सरकारी सेवकों को मिलने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे। पांच वर्ष की कठिन संविदा सेवा के दौरान जो छं



टनी से बच पाएंगे उन्हें ही मौलिक नियुक्ति मिल सकेगी। शासन का कार्मिक विभाग इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष विचार के लिए लाने की तैयारी कर रहा है। इस प्रस्ताव पर विभागों से राय मशविरा शुरू कर दिया गया है।

वर्तमान में सरकार अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया से रिक्त पदों पर लोगों को चयन के बाद संबंधित संवर्ग की सेवा नियमावली के अनुसार एक या दो वर्ष के प्रोबेशन पर नियुक्ति देती है। इस दौरान कर्मियों को नियमित कर्मी की तरह वेतन व अन्य लाभ दिए जाते हैं। इस दौरान वह वरिष्ठ अफसरों की निगरानी में कार्य करते हैं। नियमित होने पर वह नियमानुसार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं। पर, प्रस्तावित पांच वर्ष की संविदा भर्ती और इसके बाद मौलिक नियुक्ति की कार्यवाही से समूह ‘ख’ व ‘ग’ की पूरी भर्ती प्रक्रिया ही बदल जाएगी। नई व्यवस्था में तय फार्मूले पर इनका छमाही मूल्यांकन होगा। इसमें प्रतिवर्ष 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले सेवा से बाहर होते रहेंगे। जो पांच वर्ष की सेवा तय शर्तों के साथ पूरी कर सकेंगे, उन्हें मौलिक नियुक्ति दी जाएगी। 



पीसीएस, पीपीएस व पीसीएस-जे ही बाहर।

प्रस्तावित नियमावली सरकार के समस्त सरकारी विभागों के समूह ख व समूह ग के पदों पर लागू होगी। यह सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली, 1974 पर भी लागू होगी। इसके दायरे से केवल प्रादेशिक प्रशासनिक सेवा (कार्यकारी एवं न्यायिक शाखा) तथा प्रादेशिक पुलिस सेवा के पद ही बाहर होंगे।



एमकेपीआई के आधार पर होगा मूल्यांकन

समूह ख व ग संवर्ग के पदों पर नियुक्त लोगों का संविदा अवधि में ‘मिजरेबल की परफार्मेंस इंडीकेटर’ (एमकेपीआई) के आधार पर उनके प्रदर्शन व संतोषजनक कार्य का प्रत्येक 6 माह में मूल्यांकन होगा। एमकेपीआई का फार्मूला भी तय किया जा रहा है।

संविदा अवधि के 4 वर्ष पूर्ण होने के बाद एमकेपीआई के आधार पर चयनित व्यक्तियों को समय का अनुपालन करने, अनुशासित रहने, देशभक्ति एवं नैतिकता का मापांक रखते हुए 5 वें वर्ष में विभागों द्वारा छह माह का इस संबंध में अनिवार्य प्रशिक्षण दिया जाएगा।


 


1. संविदा के दौरान संबंधित पद की संगत सेवा नियमावली में उल्लिखित पदनाम के पहले सहायक पद नाम से नियुक्ति की जाएगी।


 


2. संविदा अवधि में प्रत्येक वर्ष एमकेपीआई के आधार पर कार्य कर रहे कुल व्यक्तियों में से 2 छमाही के प्राप्तांक का योग 60 प्रतिशत से कम होने पर सेवा समाप्त कर दी जाएगी।



संविदा कर्मी के कार्य को देखते हुए नियमावली के साथ निर्धारित एमकेपीआई अंकित कर नियुक्त प्राधिकारी चयन प्रस्ताव भेजेंगे। छमाही समीक्षा केवल इन्हीं एमकेपीआई पर की जाएगी ताकि पारदर्शिता रहे। यह एमकेपीआई नियुक्ति पत्र का भी अंश होंगे।

एमकेपीआई के आधार पर छमाही समीक्षा की कार्यवाही नियुक्ति पदाधिकारियों (कार्यालयाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष व शासन) के स्तर पर आधारित समितियां करेंगी।


3. समीक्षा समिति द्वारा प्रत्येक छमाही के बाद प्रदर्शित किए गए अंक को नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा बंद लिफाफे में रखा जाएगा।




4.  ये प्रावधान लागू नहीं होंगे


5. संविदा पर नियुक्त व्यक्ति पर यूपी सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली-1999 लागू नहीं होगी।

6. संविदा पर नियुक्त व्यक्ति को शासकीय कार्य से यात्रा पर भेजे जाने पर ही यात्रा व अन्य भत्ते दिए जाएंगे।

7. संविदा पर नियुक्ति अवधि में कर्मी को नियमित सरकारी सेवकों को अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं दिए जाएंगे।

8. संविदा पर नियुक्त व्यक्ति की संबंधित पद की अर्हतओं व आरक्षण आदि से संबंधित प्रमाण पत्र आदि फ र्जी पाए जाने पर सेवा समाप्त कर दी जाएगी

 


9. संविदा पर नियुक्त कर्मियों को नियत वेतन

संविदा पर नियुक्त व्यक्ति को समूह ख व ग के संबंधित पद का राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मुद्रास्फ ीति आधारित नियत वेतन दिया जाएगा। 5 वर्ष की संविदा अवधि निर्धारित शर्तों पर पूर्ण होने पर संबंधित व्यक्ति को संगत सेवा नियमावली में स्थान देते हुए मौलिक नियुक्ति दी जाएगी



10. पूर्व से चल रही चयन प्रक्रिया भी दायरे में

प्रस्तावित नियमावली के प्रारंभ होने के पूर्व पदों पर चयन के लिए विज्ञापन कर दिया गया हो अथवा चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई हो, तो विज्ञापन व परीक्षा परिणाम के आधार पर चयनित संबंधित व्यक्ति से घोषणा पत्र लिया जाएगा। उसे घोषणा करनी होगी कि वह इस नियमावली के अधीन शर्तों को स्वीकार करेंगे। इसके बाद ही उनकी नियुक्ति की जाएगी।



11. सरकारी सेवा के पदों का ब्योरा

समूह क        26,726

समूह ख         58,859       

समूह ग        8,17,613

समूह घ        3,61,605

नोट- आंकड़े 1 अप्रैल, 2019 के  अनुसार हैं।



12. नई व्यवस्था के पक्ष में सरकार का तर्क

राज्य कर्मचारियों की दक्षता बढ़ाने और उनमें नैतिकता, देशभक्ति एवं कर्तव्यपरायणता के मूल्यों का विकास करने तथा वित्तीय व्ययभार कम करने के उददेश्य से यह नियमावली प्रस्तावित है। इसे सरकारी विभाग समूह ख एवं ग के पदों पर नियुक्ति (संविदा पर) एवं विनियमितीकरण नियमावली, 2020 कहा जाएगा।