जूनियर हाई स्कूल प्रधान अध्यापक/ सहायक अध्यापक चयन परीक्षा 2021 में निरस्तीकरण के आधार।
अर्हता के अनुसार निरस्तीकरण के आधार के बिंदु उपरोक्त दिए हुए हैं।
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जंगल में अपने बच्चों को अकेला छोडकर शेर शेरनी शिकार के लिये दूर तक गये ।वे जब देर तक नही लौटे तो बच्चे भूख से छटपटाने लगे. उसी समय एक बकरी आई उसे उन पर दया आई और उसने उन बच्चों को दूध पिलाया।
बच्चों ने दूध पिया और फिर बच्चे मस्ती करने लगे.
तभी शेर शेरनी आ गए।उन्होंने बकरी को अपने बच्चो के पास देखा तो वे लाल पीले होकर बकरी पर हमला करने ही वाले थे कि उससे पहले ही बच्चों ने बताया बकरी ने हमें दूध पिलाकर बड़ा उपकार किया है नही तो हम मर जाते।
अब शेर खुश हुआ और कृतज्ञता के भाव से बोला हम तुम्हारा उपकार कभी नही भूलेंगे, जाओ आजादी के साथ जंगल मे घूमो फिरो मौज करो।
अब बकरी जंगल में निर्भयता के साथ रहने लगी, यहाँ तक कि शेर के पीठ पर बैठकर भी कभी कभी पेडो के पत्ते खाती थी।
यह दृश्य चील ने देखा तो हैरानी से बकरी से पूरी बात पूछा तब उसे पता चला कि उपकार का कितना महत्व है।
चील ने यह सोचकर कि एक प्रयोग मैं भी करती हूँ,यह सोच कर वह जंगल के ऊपर उड़ने लगी तभी उसे चूहों के छोटे छोटे बच्चे दलदल मे फंसे दिखे जिनके निकलने का प्रयास करने पर कोशिश बेकार रही ।
चील ने उनको पकड पकड कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।बच्चे भीगे थे सर्दी से कांप रहे थे, तब चील ने अपने पंखों में छुपाया, बच्चों को बेहद राहत मिली।
काफी समय बाद चील उडकर जाने लगी तो हैरान हो उठी। चूहों के बच्चों ने उसके पंख कुतर डाले थे।
चील ने यह घटना बकरी को सुनाई कि तुमने भी उपकार किया और मैंने भी फिर यह फल अलग क्यों? ?
बकरी हंसी फिर गंभीरता से कहा उपकार भी शेर जैसो पर किया जाए चूहों पर नही।
चूहे (कायर) हमेशा उपकार को स्मरण नही रखेंगे वो तो भूलना बहादुरी समझते है और शेर (बहादुर ) उपकार कभी नही भूलेंगे।
विचारणीय है।