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चुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने पर सैकड़ों शिक्षकों की मृत्यु और बीमार होने पर उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ द्वारा पत्र द्वारा आदरणीय मुख्यमंत्री जी से कड़ा रोष व्यक्त किया गया।

चुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने पर सैकड़ों शिक्षकों की मृत्यु और बीमार होने पर उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ द्वारा पत्र द्वारा आदरणीय मुख्यमंत्री जी से कड़ा रोष व्यक्त किया गया।

उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी उत्त्तर प्रदेश सरकार को पत्र जारी करके रोष व्यक्त किया।

जिसमें महोदय को संबोधित करते हुए बताया गया है कि महोदय को विदित है कि कोविड-19 महामारी का प्रकोप संपूर्ण उत्तर प्रदेश में विकराल रूप ले चुका है जिससे महोदय स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा सहित हजारों लोग उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन संक्रमित हो चुके हैं/हो रहे हैं तथा सैकड़ों लोगों की प्रतिदिन मृत्यु हो रही है।

उत्तर प्रदेश शासन व माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है।

 क्योंकि मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग ही इससे बचाव का सबसे उत्तम उपाय है।

परंतु दुर्भाग्य है कि इतनी भयंकर महामारी में भी उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं जिससे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है। इस पंचायत चुनाव में संलग्न जिला अधिकारी पुलिस अधिकारी शिक्षक व कर्मचारी प्रतिदिन संक्रमित हो रहे हैं।


 चुनाव कराकर लौटे सैकड़ों शिक्षक अब तक काल के गाल में समा चुके हैं।

पंचायत चुनाव आरंभ होने से पूर्व अध्यक्ष उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ द्वारा 12 अप्रैल को राज्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर चुनाव के माध्यम से आने वाले सभी खतरों से अवगत कराया गया था। परंतु राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है।

 अब जबकि दो चरण का चुनाव संपन्न हो चुका है तब इन चरणों के चुनाव में जो कर्मचारी व शिक्षक ड्यूटी में संलग्न थे उनमें से अधिकांश शिक्षक Corona संक्रमित हो चुके हैं।प्रतिदिन अनेक शिक्षकों की मृत्यु की सूचना से प्रदेश में मातम व भय का माहौल व्याप्त है।

 महामारी अधिनियम का अनुपालन करने व वह कराने का उत्तरदायित्व राज्य निर्वाचन आयोग का भी है।

 इसलिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इस महामारी में कर्मचारी/ शिक्षक/ अधिकारियों को बलि का बकरा बना कर जिस प्रकार पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं यह निंदनीय के साथ-साथ आपराधिक व दंडनीय भी है।

अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि आगामी चरणों पर चुनाव को तत्काल रोक कर शिक्षक कर्मचारी व अधिकारियों की जान को सुरक्षित किया जाए अन्यथा की स्थिति में यही पंचायत चुनाव महामारी को गांव-गांव तक पहुंचाने का माध्यम बनेंगे तथा स्थित को और भी अधिक विकराल होगी तथा स्थिति और भी अधिक विकराल होगी जिसका लोकतंत्र में संपूर्ण उत्तरदायित्व उत्तर प्रदेश सरकार का होगा।


संपूर्ण विवरण को समझने के लिए उपरोक्त पत्र का गंभीरता से अवलोकन करें एवं इस पत्र को जितना हो सके अधिकतम शेयर करें।

द्वारा सोशल मीडिया

Hundreds of teachers died and became ill during election duty, a letter expressed by the Uttar Pradesh Teachers Federation on the outrage against the honorable Chief Minister.




Hon'ble Chief Minister expressed anger by issuing a letter to the Government of Uttar Pradesh through Uttar Pradesh Teachers' Federation.


In which, while addressing Sir, it is said that Sir is aware that the outbreak of Kovid-19 epidemic has taken a huge form in the whole of Uttar Pradesh, due to which Sir himself, thousands of people including former Chief Minister Mr. Akhilesh Yadav, Deputy Chief Minister Dr. Dinesh Sharma everyday in Uttar Pradesh Have been infected / are getting killed and hundreds of people are dying every day.


Social distancing and masking have been made mandatory by the Uttar Pradesh government and the Honorable High Court.


 Because masks and social distancing are the best ways to prevent this.


But unfortunately, even in such a severe epidemic, panchayat elections are being held in Uttar Pradesh, due to which the distortion of social distancing is taking place. District officers, police officers, teachers and employees are getting infected every day in this panchayat election.




 Hundreds of teachers who returned after conducting the elections have so far lost their time.


Before the commencement of the Panchayat elections, the President, Uttar Pradesh Teachers' Federation, on April 12, wrote a letter to the State Election Commissioner informing him of all the dangers of going through the elections. But no action has been taken by the State Election Commission so far.


 Now that the two-phase election has been completed, most of the employees and teachers who were engaged in duty in these elections, Corona have been infected. Due to the news of the death of many teachers every day, there is an atmosphere of mourning and fear in the state. is.


 It is also the responsibility of the State Election Commission to comply with and conduct the epidemic act.


 Therefore, the manner in which panchayat elections are being conducted by the State Election Commission by making employee / teacher / officers a scapegoat in this epidemic is condemnable as well as criminal and punishable.


Therefore, you have a humble request that the life of teachers, staff and officers should be protected by stopping the election immediately on the next steps, otherwise the panchayat elections will become a means of spreading the epidemic from village to village and the situation will become more difficult The situation will be even more drastic, in which the Government of Uttar Pradesh will have full responsibility in democracy.




To understand the complete details, review the above letter seriously and share this letter as much as possible.

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