बैंक से सहयोग प्राप्त ना होने की दशा में बैंक के लिए यह आदेश|खाद्य सुरक्षा भत्ता वितरण|छात्रों अभिभावकों के निजी खातों में हस्तांतरित करने संबंधित।
कोविड-19 के दृष्टिगत lockdown ग्रीष्म अवकाश एवं विद्यालय बंद अवधि में 24 मार्च 2020 से 9 फरवरी 2021 उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं 24 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2021 प्राथमिक विद्यालयों में रविवार एवं सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर मध्यान्ह भोजन योजना से आच्छादित विद्यालयों के नामांकित छात्रों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं मध्यानह भोजन अधिनियम 2015 के अंतर्गत निम्न शासनादेशों द्वारा खाद्य सुरक्षा भत्ता उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
शासनादेशों में खाद्यान्न का वितरण विद्यालय से संबंधित सस्ता गल्ला विक्रेता के माध्यम से विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा देय प्राधिकार पत्र के आधार पर उपलब्ध कराने एवं परिवर्तन लागत की धनराशि छात्रों/अभिभावकों के निजी बैंक खातों में स्थानांतरित किए जाने का प्रावधान है। खाद्यान्न का वितरण स्थानीय संस्था गल्ला विक्रेता( कोटेदार) के माध्यम से विद्यालय स्तर से छात्रों/ उनके अभिभावकों को वितरित किए जा रहे हैं। परिवर्तन लागत की धनराशि छात्रों/ उनके अभिभावकों के निजी खाते में विद्यालय स्तर से बैंक के माध्यम में डीबीटी(D.B.T.) के रूप में हस्तांतरित की जा रही है।
बैंकों हेतु विशेष निर्देश-
कतिपय बैंकों द्वारा धनराशि के हस्तांतरण में अपेक्षित सहयोग प्राप्त ना होने के कारण खाद्य सुरक्षा भत्ता की धनराशि छात्रों के खातों में भेजे जाने में विलंब एवं कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, यद्यपि कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा एक्सल शीट पर छात्रों के नाम, बैंक खाता संख्या, आईएफएससी कोड एवं स्थानांतरित की जाने वाली धनराशि का विवरण हार्ड कॉपी एवं सॉफ्ट कॉपी में तैयार कर बैंकों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
निदेशक मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण,उत्तर प्रदेश लखनऊ, के पत्रांक के माध्यम से प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के समस्त जिलाधिकारी महोदय को संबोधित वह अधोहस्ताक्षरी को प्रतिलिप निर्देशित किया गया है।कि जनपद में स्थित बैंकों के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक कर राष्ट्रहित के महत्वपूर्ण कार्यक्रम मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत स्थानांतरित की जाने वाली परिवर्तन लागत की धनराशि (प्रतिपूर्ति) का सर्वोच्च प्राथमिकता पर छात्रों/अभिभावकों के बैंक खाते में शीघ्र अति शीघ्र स्थानांतरित कराया जाए। यह भी अवगतार्थ है कि खाद्य सुरक्षा भत्ता का वितरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के क्रम में किया जा रहा है। इस कार्य में असहयोग माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना हो सकती है।
बेसिक शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं के संचालन के लिए जनपद में करोड़ों की धनराशि प्रत्येक वर्ष शासन से प्रदान की जाती है। धनराशि से फ्लोट के रूप में तथा डिपाजिट के रूप में बैंकों को सीधा लाभ मिलता है किसी विशेष बैंक से इस कार्य में सहयोग प्राप्त ना होने की दशा में उस बैंक के समस्त बैंक शाखाओं में बेसिक शिक्षा विभाग से संबंधित खाता बंद करते हुए धनराशि आहरित कर दूसरे बैंकों में खाता खुलवा कर जमा किए जाने पर विचार किया जाना उचित होगा।
छात्रों को धन राशि हस्तांतरित करने में अनावश्यक विलंब एवं असहयोग करने वाले बैंकों के संबंधित शाखा प्रबंधकों के विरुद्ध बैंकों के क्षेत्रीय एवं जोनल कुछ अधिकारियों को वस्तु स्थिति से अवगत कराया जाना उचित होगा कि संबंधित बैंक शाखा द्वारा राष्ट्रीय हित की योजना को असफल करने का प्रयास किया जा रहा है।
अतः आप सभी को निर्देशित किया जाता है कि अपने विकास क्षेत्र से संबंधित विद्यालयों के संबंधित बैंकों के उक्त कार्यों का समीक्षा करते हुए संबंधित बैंक प्रबंधक से संपर्क कर यथाशीघ्र स्थानांतरण हेतु वार्ता करले।
इसके बाद भी यदि उनके द्वारा असहयोग किया जा रहा है तो उनके क्षेत्रीय एवं जोनल उच्चाधिकारियों को संबंधित शाखा प्रबंधक के विरुद्ध कार्यवाही हेतु पत्राचार कर अधोहस्ताक्षरी को भी प्रचलित करें।जिससे कि उक्त बैंक के विरुद्ध शासन के निर्देशानुसार कार्यवाही प्रस्तावित किया जा सके।
संपूर्ण विवरण हेतु उपरोक्त आदेश को ध्यान से अवलोकन करें।
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