बड़े काम की खबर वायरल बुखार को ना समझें करोना अधिकतम 7 दिन रहता है वायरल फीवर।
आज के माहौल में भ्रम और अज्ञानता के कारण लोग वायरल फीवर और कोरोना संक्रमण में कोई अंतर नहीं कर पा रहे और पैनिक होकर हॉस्पिटल में भर्ती हो रहे हैं। जिसके बाद स्थितियां गंभीर हो रही हैं।
इस मौसम में तापमान के काफी उतार-चढ़ाव होने के कारण क्षेत्रों में फ्लू, वायरल फीवर, सर्दी- जुखाम, बुखार, सिर दर्द, आंखों में जलन, आंखों में पानी आना, थकान, शरीर व जोड़ों में दर्द, दस्त लगना, पेट दर्द, त्वचा के ऊपर रेसेज आदि लक्षण महसूस होते हैं।
एक चिकित्सा अधिकारी के अनुसार सामान्य फ्लू , वायरल बुखार में हल्का इंफेक्शन होता है जिससे गले में खराश या बलगम बनता है। यह सब पेट साफ ना होने, तली हुई चीजें खाने, दूषित पानी पीने से भी हो सकता है। वही कोविड-19 के लक्षणों में सूखी खांसी सांस लेने में तकलीफ और तेज बुखार प्रमुख लक्षण है।
डॉक्टर के अनुसार जनता को वायरल फीवर के विषय में सही जानकारी ना होने के कारण लोग इसे कोरोना का बुखार समझ लेते हैं जबकि यह गलत है। इस भ्रम को दूर करना अत्यंत आवश्यक है। मौसम में परिवर्तन के कारण वातावरण में मौजूद वायरस सक्रिय हो जाती है। जिनके कारण मनुष्य में कई रोग उत्पन्न हो जाते हैं। आमतौर पर यह वायरल फीवर अधिक से अधिक 1 सप्ताह तक रहता है एवं बिना किसी उपचार के अपने आप ठीक भी हो जाता है।
अगर कोरोना का बुखार है तो यह 14 दिन तक रहता है।
मौसमी बुखार में किसी विशेष दवाई की जरूरत नहीं होती। रोगी घर पर आराम करें, गर्म पानी पिए, हल्का पौष्टिक भोजन ले, फलों का अधिक सेवन करें। बुखार तेज होने पर पेरासिटामोल की गोली ले, अगर सर्दी जुखाम है तो गरम पानी की भाप ले, गुनगुने पानी में चुटकी भर नमक डालकर उस से गरारे करें, अदरक नींबू की चाय, काढ़े का सेवन हल्दी के दूध का सेवन करने से लाभ मिलता है।
अतः घबराए नहीं हर बुखार कोरोना का बुखार नहीं होता घर पर रहे अपना ध्यान रखें।
चिकित्सक/टीकाकरण अधिकारी के साक्षात्कार की बातचीत पर आधारित
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