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ग्रेच्युटी अपडेट||विकल्प भरने में देर हो जाने पर भी ग्रेच्युटी मिलेगी|बेसिक शिक्षकों हेतु डेथ ग्रेच्युटी /सेवानिवृतिकी सुविधा एवम एनपीएस से आच्छादित शिक्षकों के असामयिक मृत्यु पर पारिवारिक पेंशन का प्रावधान।

ग्रेच्युटी अपडेट||विकल्प भरने में देर हो जाने पर भी ग्रेच्युटी मिलेगी|बेसिक शिक्षकों हेतु डेथ ग्रेच्युटी /सेवानिवृतिकी सुविधा एवम एनपीएस से आच्छादित शिक्षकों के असामयिक मृत्यु पर पारिवारिक पेंशन का प्रावधान।

ग्रेच्यूटी अपडेट - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है, कि प्रथम दृष्टया सेवानिवृत्ति से 1 वर्ष पहले विकल्प भरने में देरी के कारण कर्मचारी को उसके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।


 कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में 21 दिन में जवाब मांगा है। यह स्पष्ट करने को कहा गया है, कि क्या याची द्वारा देरी से भरा गया विकल्प स्वीकार करने योग्य है या नहीं।


 न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी एवं न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने मोहर पाल सिंह की विशेष अपील पर यह आदेश दिया है।


उस अपील का स्थाई अधिवक्ता बी पी सिंह कछवाहा ने विरोध किया। प्राथमिक विद्यालय मोहिद्दीन पुर एटा के प्रधानाध्यापक द्वारा अपील की गई। उसने ग्रेच्युटी का विकल्प दिया, लेकिन यह विकल्प वह सेवानिवृत्ति आयु से 1 साल पहले नहीं दे सका, उसने विकल्प 6 माह पहले दिया। इस कारण उसे ग्रेच्युटी देने से इंकार कर दिया गया, एवं उसकी याचिका खारिज हो गई, तब याची वह विशेष अपील दाखिल करता है।

 अपीलार्थी का कहना है कि ऐसे ही एक केस दामोदर मठपाल केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष देने का विकल्प ना देने से ग्रेच्युटी के पाने का अधिकार समाप्त नहीं होते।


डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी  क्या है।

1. सेवा काल मे किसी अनहोनी की स्थिति में बेसिक शिक्षक अपने परिवार की आर्थिक सुरक्षा हेतु  समय रहते डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी  का विकल्प जरूर भरें।


2. सेवानिवॄत्त या सेवा काल मे मृत राज्य कर्मचारियों के परिजनों को ग्रेच्युटी के लाखों रुपये स्वतः मिलते हैं। ये लाभ इसलिये मिलता क्योकि कर्मचारी 60 में रिटायर होते हैं, जबकि शिक्षक के 62 में रिटायर होने के कारण नहीं मिलता है।

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डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी लाभ।

3.यदि शिक्षक भी शासनादेशों के अनुसार 60 वर्ष में सेवानिवृति का विकल्प ले लें तो उन्हें भी यह लाभ समान रूप से प्राप्त है।


4.अधिक जागरूक होने के कारण इंटर कालेजों, डिग्री कालेजों, मेडिकल कालेज व यूनिवर्सिटियों के शिक्षकों को ये सुविधा बहुत पहले से प्राप्त है। लिहाजा वे 60 वर्ष में ही सेवानिवृति का विकल्प देकर सेवानिवृत या असामयिक मृत्यु की दशा में ग्रेच्यूटी के लाखों रुपये पाते है।


5.जबकि बेसिक शिक्षक जानकारी के अभाव में या कतिपय कारणों से ये विकल्प नही लेते हैं और कभी कभी 60 वर्ष की उम्र से पहले ही सेवाकाल में मृत्यु हो जाने की दशा में डेथ ग्रेच्यूटी से वंचित हो जाते हैं या उनके परिजन कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाते हैं।


6. हर साल हर जिले में अनेक बेसिक शिक्षक बीमारी या दुर्घटना से मर रहे हैं। यदि इस विकल्प का फायदा लिया गया होता तो फेमिली को ग्रेच्यूटी के रूप में अधिकतम 20 लाख रुपये की मदद मिलती।


7. हम बेसिक शिक्षकों को शासन से डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी जैसी शिक्षक हितकारी व्यवस्था 1994 से ही प्राप्त है, लेकिन जागरूकता और जानकारी के अभाव हर साल सेवाकाल में मृत होने वाले शिक्षकों के परिजन ये लाभ नहीं पा सके, जबकि इसी शासनादेश 1994 के आधार पर  बेसिक शिक्षा विभाग के सभी शिक्षणेत्तर कार्मिकों को इसका लाभ मिलता है।

डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी शासनादेश।

8.बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के शिक्षकों/कार्मिकों के लिये  ग्रेच्यूटी की सुविधा पहली बार शिक्षा अनुभाग 5 के  शासनादेश संख्या  6369/ 15-5-93-55/89 दिनांक 23-11-1994 द्वारा स्वीकृत किया था। उस समय बेसिक शिक्षक की सेवा निवृति की आयु 60 वर्ष थी। इसलिये ग्रेच्यूटी लाभ के लिये 58 वर्ष के सेवानिवृति का  विकल्प देना था।


9.शासनादेश संख्या 

289/79-6-04-28(5)/ 2004 दिनांक 4 फरवरी 2004 को बेसिक शिक्षकों की सेवानिवृति आयु 62 वर्ष कर दी गयी। इसलिये अब ग्रेच्यूटी का लाभ 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृति का विकल्प देने पर मिलता है। इतना ही नही यदि 60 वर्ष में सेवानिवृति न चाहें तो  शासनादेश संख्या 2491/15-5 -2002- 212/2001/ दिनांक 10 जून 2002 के अनुसार उक्त विकल्प को परिवर्तित कर 62 वर्ष पर सेवानिवृत्त होने का विकल्प ठीक 59 वें वर्ष के सत्रारंभ में ही दे सकते हैं।


10.प्रत्येक वेतन आयोग में बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों एवं कार्मिकों के पेंशन/फेमिली पेंशन तथा 60 वर्ष में डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी लाभ देने की प्रक्रिया और ग्रेच्युटी धनराशि में केंद्र सरकार के समकक्ष बढ़ोत्तरी के लिए शिक्षा अनुभाग 5 से आदेश जारी किये जाते हैं। ये सभी आदेश वित्त विभाग की सहमति के बाद निर्गत किये जाते हैं, जिसका उल्लेख हमेशा शासनादेश के अंतिम पैरा में होता है।


11.पंचम वेतन आयोग में शिक्षा अनुभाग 5 के शासनादेश संख्या 5674/दिनांक 28 नवम्बर 1998 के प्रस्तर 5 के अनुसार जनवरी 1996 से सेवानिवृत्ति/डेथ ग्रेच्यूटी की यह सीमा 3.5 लाख थी।


12.छठे वेतन आयोग के शिक्षा अनुभाग 5 के शासनादेश 1754 दिनांक 16 सितम्बर 2009 द्वारा जनवरी 2006 से दिसम्बर तक यह बढ़कर 10 लाख  हो गया।


13.सातवे वेतन आयोग में शिक्षा अनुभाग 5 के शासनादेश 1740/दिनांक 23 अगस्त 2017 द्वारा जनवरी 2016 से यह लाभ 20 लाख कर दिया गया।


14. बेसिक शिक्षकों हेतु पेंशन व ग्रेच्युटी लाभ के उक्त विभिन्न शासनादेशों से यह ज्ञात होता है कि ग्रेच्युटी का लाभ दो तरह से मिलता है।


15.पहला सेवानिवृत्तिक ग्रेच्यूटी

यदि कोई शिक्षक जीवन काल मे ही ग्रेच्यूटी का लाभ लेना चाहता है तो डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्युटी का विकल्प लेकर 60 वर्ष में सेवानिवृत हो जाये। तब इसे सेवानिवृति ग्रेच्यूटी कहते हैं। यह अंतिम आहरित वेतन के अनुसार प्रत्येक सेवा वर्ष के बदले 15 दिन के वेतन के बराबर मिलता है।


16. दूसरा डेथ ग्रेच्यूटी  

यह 60 वर्ष की उम्र से पहले आकस्मिक मृत्यु हो जाने  पर शिक्षक/कार्मिक के परिजनों को देय होता है। डेथ ग्रेच्यूटी अंतिम आहरित वेतन के अनुसार प्रत्येक सेवा वर्ष के बदले 1 माह के वेतन के बराबर मिलता है। 


17.स्पष्ट है कि डेथ ग्रेच्यूटी का लाभ, सेवानिवृति ग्रेच्यूटी से डबल होता है। लेकिन वर्तमान में दोनों की अधिकतम सीमा 20 लाख है, जो प्रत्येक वेतन आयोग में बदलता रहता है।


18.ग्रेच्यूटी की धनराशि गणना में रिटायरमेन्ट/मृत्यु के समय मिलने वाला DA भी सम्मिलित होता है।


19.NPS आच्छादित कार्मिकों/शिक्षकों  को भी OPS कार्मिकों/शिक्षकों के समान डेथ ग्रेच्यूटी व फेमिली पेंशन की सुविधा शासनादेश संख्या 1613/ दिनांक 5 दिस 2011,शासनादेश संख्या 23 /दिनांक 5 जुलाई 2016, शासनादेश संख्या 31/ दिनांक 6 अक्तू 2016 द्वारा दी गयी है।


20.शासनादेश 23 /दिनांक 5 जुलाई 2016 द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि बेसिक शिक्षा विभाग में NPS योजना से आच्छादित शिक्षक/कार्मिक की सेवाकाल में मृत्यु PRAN के लिए आवेदन/ PRAN एलाट होने/ अभिदान देने से पूर्व भी हो जाती है तब भी फेमिली पेंशन व डेथ ग्रेच्यूटी की सुविधा का लाभ मिलेगा।


21.इसी तरह NPS कट जाने की स्थिति में  शासनादेश संख्या दिनांक 31-10- 2014, दिनांक 19-5-16 एवं दिनांक 20-3-17 में प्रक्रिया व प्रपत्रों द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि सेवा काल मे NPS आच्छादित शिक्षक/कार्मिक की मृत्यु हो जाने पर NPS में जमा धनराशि सरेंडर कर फेमिली पेंशन व डेथ ग्रेच्यूटी का लाभ ले सकते हैं।


22. इस तरह हम देखते हैं कि OPS हो या NPS, 60 वर्ष की उम्र से पहले आकस्मिक मृत्यु हो जाने की दशा में शिक्षक/ कार्मिक के परिवार की आर्थिक सुरक्षा हेतु डेथ ग्रेच्यूटी व फेमिली पेंशन जैसी वित्तीय सुरक्षा की व्यवस्था हमे शासन ने बहुत पहले से दे रखा है, लेकिन जागरूकता के अभाव में हम लाभ नहीं ले पा रहे हैं तथा असामयिक मृत्यु की दशा में परिवारजन भटकते रहते हैं और मामला हाईकोर्ट तक पहुंच जाता है।


23. इसी तरह का एक केस हम बेसिक शिक्षकों के लिये बेहद महत्वपूर्ण है। माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में योजित WRIT A 5108/2020 में इसी डेथ ग्रेच्यूटी के लाभ की मांग की गई है। इस केस में पिछले वर्षों में कोर्ट द्वारा डेथ ग्रेच्युटी का लाभ  देने वाले पिछले अनेक अदालती आदेशों का हवाला देते हुए मार्च 2020 में मृत शिक्षक की पत्नी द्वारा केस दाखिल किया गया है।  


24. याची प्रेम कुमारी के पति उन्‍नाव के एक एडेड पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 1995 से सहायक अध्यापक थे। 10 फरवरी 19 को उनकी सेवा काल में मृत्यु हो गई। परिवार को पेंशन व बीमा आदि का भुगतान किया गया किंतु तकनीकी कारणों से ग्रेच्यूटी रोक दी गई।


25. अब उक्त वाद दाखिल कर न्यायालय से मांग की गई है कि बेसिक शिक्षकों के फेमिली पेंशन व ग्रेच्यूटी वाले छठवें वेतन के आदेश संख्या 1754/दिनांक 16 सितम्बर 2009 के प्रस्तर 5 एवं सातवें वेतन आयोग के आदेश संख्या 1740/ दिनांक 23 अगस्त 2017 के प्रस्तर 7 (1) में प्रावधान है कि 60 वर्ष की आयु का विकल्प दिए जाने पर सेवानिवृतिक ग्रेच्युटी/मृत्यु ग्रेच्यूटी की व्यवस्था है। शासनादेशों का आशय ही यही है कि ग्रेच्यूटी का यह लाभ विकल्प लेकर  60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने या 60 वर्ष के अंदर मृत हो जाने पर ही देय है। जीवन काल मे ही 60 साल में सेवानिवृति विकल्प न दे पाने के आधार पर मृत शिक्षक के परिजनों को ग्रेच्यूटी के लाभ से वंचित किया जाना उचित नही है। प्राकॄतिक न्याय के सिद्धांत के अनुसार ये माना जा सकता है कि असमय मृत्यु हो जाने के कारण शिक्षक विकल्प नही दे पाए और न ही  62 वर्ष तक सेवा व वेतन का लाभ लिया, इसलिये विना विकल्प दिए मृतक के परिजनों को इसका लाभ दिया जाए। पूर्व के आदेशों में भी न्यायालय ने इसी आधार पर व्याज सहित डेथ ग्रेच्यूटी भुगतान करने का आदेश दिया है।


26.वित्त नियंत्रक महोदय ने ग्रेच्यूटी के इस विवाद पर दिनांक 20 नवम्बर 2018 व 2 जनवरी 2019 के आदेशों द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी/ वित्त व लेखाधिकारी/पेंशन उपनिदेशक महोदय को मार्गदर्शन दिया है। इसमे कहा गया है कि शिक्षक द्वारा सेवाकाल में ग्रेच्यूटी विकल्प नहीं दिया गया थ, इसलिये डेथ ग्रेच्यूटी देय नही है। साथ ही साथ 2 जनवरी 2019 के मार्गदर्शन में  नोट संख्या 5 में वित्त नियंत्रक महोदय ने स्पष्ट कहा है कि परिषदीय शिक्षकों/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के सेवानिवृति/मृत्यु की दशा में ग्रेच्यूटी भुगतान के नियमों के अंतर्गत समस्त आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करने के उपरांत ही संबंधित पत्रावली/साक्ष्य/ अभिलेख के साथ ही प्रकरण कोषागार कार्यालय में उपलब्ध कराएं, जिससे कि प्रकरण का नियमानुसार निस्तारण हो सके।


27.इसी मार्गदर्शन को आधार मानते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी/पेंशन उप निदेशक द्वारा जीवन काल मे ही डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्युटी का विकल्प न देने के कारण , मृत शिक्षक के परिजन/ याची को डेथ ग्रेच्यूटी का लाभ देने से मना कर दिया गया।


28.अतः किसी अनहोनी की स्थिति में इस विवाद से अपने परिजनों को बचाने का सीधा उपाय यही है कि शासन द्वारा निर्धारित फार्मेट पर अपने जीवन काल मे ही 60 वर्ष में डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी का विकल्प विभाग को दे दिया जाय।


29.यदि आप अभी 60 वर्ष की आयु पर डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी का विकल्प ले लेते हैं, तो डेथ ग्रेच्यूटी के रूप में वर्तमान में 20 लाख तक का एक तरह से निःशुल्क बीमा सुरक्षा मिल जा रहा है। यह धनराशि हर वेतन आयोग में बढ़ जाती है।


30.यदि सकुशल 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर लेते हैं, तो फिर आपके सामने दो विकल्प रहेंगे-


31.(1) 60 वर्ष पर ही सेवानिवृत्त ले लें, ऐसी स्थिति में आपके सेवाकाल के हिसाब से 16 माह तक का वेतन/ अधिकतम 20 लाख तक एकमुश्त मिल जाएगा। यह रकम हर वेतन आयोग में बढ़ता रहता है।


32.दूसरा विकल्प अब भी खुला रहेगा।


 (2)यदि आप 62 वर्ष तक सेवा करना चाहें तो शासनादेश संख्या 2491/15-5-2002- 212/2001/ दिनांक 10 जून 2002 के अनुसार पिछले विकल्प को परिवर्तित कर 62 वर्ष पर सेवानिवृत्त होने का विकल्प ठीक 59 वें वर्ष के सत्रारंभ में ही दे सकते हैं।


33.विकल्प के द्वारा 60 वर्ष में सेवानिवृत्ति लेने पर 15-16 माह का वेतन सेवानिवृति ग्रेच्यूटी के रूप में एडवांस में मिलेगा, जैसा कि राज्य कर्मचारी पाते हैं, जबकि 62 वर्ष तक काम करते रहने पर 24 माह तक प्रतिमाह वेतन के रूप में मिलेगा, यह आपको तय करना है कि आपके लिये क्या ठीक रहेगा?


34.बेसिक शिक्षकों का मात्र 1 लाख का बीमा लाभ भी अधर में है। ऐसी अनिश्चय की स्थिति में 60 वर्ष में डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी का विकल्प लेकर डेथ ग्रेच्यूटी के रूप में 20 लाख तक का बीमा कवच का लाभ लेकर किसी अनहोनी की स्थिति में अपने परिवार की आर्थिक सुरक्षा करने में ही बुद्धिमानी है।


35.जागरूकता के अभाव में  बेसिक शिक्षक ग्रेच्यूटी सुविधा का लाभ ले ही नहीं रहे हैं। जीवनकाल में ही विकल्प आदि पेपर की औपचारिकता पूर्ण नहीं करने से असमय मृत्यु की स्थिति में आश्रित कानूनी पचड़े में पड़कर परेशान होते हैं।


36.जो शिक्षक बिना विकल्प दिये सेवाकाल में ही 60 वर्ष से पहले मृत हो चुके हैं, उनके परिजन कोर्ट जा रहे हैं, विवाद खड़ा हो रहा है। शासनादेशों से यह बात बिल्कुल स्पष्ट है कि ग्रेच्यूटी का लाभ या तो 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति के विकल्प पर मिलना था अथवा 60 वर्ष से पहले मृत्यु पर मिलना था। विभिन्न वेतन आयोगों में इसे ही डेथ ग्रेच्यूटी कहा गया है। 


डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी फॉर्म/आवेदन पत्र।

https://blockmiyanganjuppss.blogspot.com/2021/02/deathgrachuty.html


अब शिक्षकों को आगे आकर डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी का लाभ लेने के लिए शिक्षकों को जागरूक करना होगा, जिससे कि असमय मृत्यु होने की स्थिति में आश्रितों को कोर्ट कचहरी का चक्कर न लगाना पड़े। साथ ही साथ मृत शिक्षकों के परिजनों को ग्रेच्यूटी का लाभ दिलाने की नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा। यही मृत शिक्षकों को सच्ची श्रद्धाजंलि होगी।

डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी फॉर्म/आवेदन पत्र।

द्वारा - सोशल मीडिया /व्हाट्सएप ग्रुप से


अध्यापक को ग्रेच्युटी पाने का अधिकार 60 साल हो या मृत्यु हाईकोर्ट का निर्देश।


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