5 जुलाई 2021

ई-पाठशाला कार्यक्रम दिनांक 05 जुलाई 2021 आज टीवी पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा, शिक्षक अपने शैक्षिक ग्रुपों पर अवश्य शेयर करें।

ई-पाठशाला कार्यक्रम दिनांक 05 जुलाई 2021 आज टीवी पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा, शिक्षक अपने शैक्षिक ग्रुपों पर अवश्य शेयर करें।



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आज दिनांक 5 जुलाई 2021 की |मिशन प्रेरणा की ई पाठशाला के प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा एवं टाइम टेबल।



आओ हम सब मिलकर अपनी जिम्मेदारी निभाएं।

यह सन्देश घर घर पहुँचाए।।

जनहित में प्रकाशित



कथा 

कहानी- प्रभु कृपा

एक छोटे से गाँव में एक वृद्ध किसान अपने एकलौते पुत्र के साथ रहता था। उनके स्वामित्व में एक छोटा सा खेत का टुकड़ा, एक गाय, और एक घोड़ा था। 


एक दिन उसका घोड़ा कहीं भाग गया। उन लोगों ने घोड़े को ढूँढने की बहुत कोशिश की पर घोड़ा नहीं मिला। किसान का पुत्र बहुत दुःखी हो गया। वृद्ध किसान के पड़ोसी भी मिलने आये।


गांववालों ने किसान को सांत्वना देने के लिए कहा:- "ईश्वर आपके प्रति बहुत कठोर है, यह आपके साथ बहुत बुरा हुआ।"


किसान ने शांत भाव से उत्तर दिया:- "यह निश्चित रूप से ईश्वरीय कृपा है।


दो दिनों बाद घोड़ा वापस आ गया, लेकिन अकेला नहीं चार अच्छे शक्तिशाली जंगली घोड़े भी उसके पीछे-पीछे आये। 

इस तरह से उस वृद्ध किसान के पास पांच घोड़े हो गए।


लोगों ने कहा:- "बहुत खूब तुम तो बहुत भाग्यशाली हो ।” 


बहुत ही सम भाव से कृतज्ञ होते हुए वृद्ध किसान ने कहा:- "निश्चित रूप से यह भी ईश्वरीय कृपा है।


उसका पुत्र बहुत उत्साहित हुआ। दूसरे ही दिन उसने एक जंगली घोड़े को जाँचने के लिए उसकी सवारी की, किन्तु घोड़े से वो गिर गया और उसका पैर टूट गया।


पड़ोसियों ने अपनी बुद्धिमता दिखाते हुए कहा:- "ये घोड़े अच्छे नहीं हैं। वो आपके लिए दुर्भाग्य लाए हैं। आखिर कार आपके पुत्र का पाँव टूट गया।" 


किसान ने उत्तर दिया:- "यह भी ईश्वर की कृपा है।


कुछ दिनों बाद, राजा के अधिकारीगण गाँव में जबरदस्ती सैन्य सेवा हेतु युवकों को भर्ती करने के लिए आये। 


वे गाँव के सारे नवयुवकों को ले गए लेकिन टूटे पैर के कारण किसान के पुत्र को छोड़ दिया।


गांववालों ने किसान को बधाई दी कि उसका पुत्र जाने से बच गया।


किसान ने कहा: "निश्चित रूप से यह भी ईश्वर की ही कृपा है।"


इसप्रकार उस किसान ने सदा ईश्वर पर हर परिस्थिति में विश्वास रखा और सदा यही सोच रखी कि ईश्वर किसी भी दशा में मेरा अकल्याण नहीं होने देंगे इसलिए अकल्याण की परिस्थिति भी कल्याण में बदल गई।


 हम भी हर परिस्थिति में प्रभु को ही दोष देते हैं कि हम तो इतना भजन करते हैं, सेवा करते हैं तब भी भगवान हमारे साथ ऐसा करते हैं.... जबकि ऐसी सोच हमारी गलत होती है। हमारे जीवन मे जो भी होता है  वोहमारे कर्मों के हिसाब से होता है। चाहे अच्छा हो, बुरा हो। प्रभु तो सदा हमारा अच्छा ही करते हैं। बस जरूरत है हमारे विश्वास और श्रद्धा की!


अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताए।


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